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14 साल तक पुलिस में कॉन्स्टेबल रहे बलिया के श्याम बने डिप्टी कलेक्टर

14 साल तक पुलिस में कॉन्स्टेबल रहे बलिया के श्याम बने डिप्टी कलेक्टर
Written by Santosh Kumar

14 साल तक पुलिस में कॉन्स्टेबल रहे बलिया के श्याम बने डिप्टी कलेक्टर

बलिया के श्याम बाबू ने पीसीएस-2016 52वीं रैंक पा कर जिले का नाम रोशन किया है। इसके साथ ही उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। श्यामबाबू की सफलता से क्षेत्र में खुशी का माहौल है। बैरिया तहसील के इब्राहिमाबाद गांव के श्याम बाबू ने 2005 में सुदिष्ट बाबा इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट पास कर बतौर कॉन्स्टेबल उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हो गए थे। श्याम बाबु कहते हैं कि “गांव में तो यही रहता है कि एक सरकारी नौकरी मिल जाए। मेरे गांव में भइया रवि कुमार सिंह हैं, जो 2014 में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात हुए थे। गांव से पहला पीसीएस एग्जाम उन्होंने क्लियर किया था और दूसरा मैंने किया है”।

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14 वर्षों से पुलिस विभाग में बतौर कॉन्स्टेबल कार्यरत श्याम बाबू फ़िलहाल प्रयागराज हेडक्वार्टर में तैनात हैं। उनके परिवार में मां किशोरी देवी, पिता धर्मनाथ के अलावा पांच बहनें और एक बड़े भाई हैं। श्याम बाबू बताते हैं कि पांचों बहनों की शादी हो चुकी है, बड़े भाई उमेश कुमार इनकम टैक्स में इन्स्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं। श्याम बाबू के मुताबिक, उन्होंने पीसीएस की तैयारी ग्रैजुएशन के बाद 2009-10 से शुरू कर दी थी लेकिन 2013 के बाद वह इसे लेकर गंभीर हुए।

श्याम बाबू एक लंबे वक्त तक बतौर कॉन्स्टेबल यूपी पालिस से जुड़े रहे हैं। महकमे से मिलने वाले सहयोग के बारे में वह कहते हैं, “मैंने शुरू में थाने में नौकरी की लेकिन बाद में ऑफिस में आ गया। ऑफिस में आने से इस बात की सहूलियत हो गई कि दिन के वक्त दफ्तर का काम खत्म करता था और रात के वक्त में पढ़ाई भी हो जाती थी।” वह बताते हैं, “पढ़ाई की वजह से तकरीबन सभी दोस्तों से नाता टूट गया था, शुक्रवार को जब इस बात की खबर मिली तो ढेरों दोस्तों ने बधाई देने के लिए फोन किया। कई ने तो सोशल मीडिया पर मुझे शुभकामनाएं दीं।”

पीसीएस-2016 में श्याम बाबू का चयन डेप्युटी कलेक्टर के रूप में हुआ है। श्याम बाबू 2013 में मीरजापुर में तैनात थे, तभी उन्होंने जनपद के ही केबी पीजी कॉलेज से पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की थी। पुलिस की इमेज को लेकर किए गए सवाल पर श्याम बाबू कहते हैं, “पुलिस के प्रति जो एक धारणा बनी हुई है, उसे आने वाली पीढ़ी तोड़ रही है। फिर भी हम कहेंगे कि ग्रामीण परिवेश में यह प्रचारित रहता है कि पुलिस में हैं तो इधर-उधर का पैसा कमाता होगा, पुलिस और ग्रामीण जनता के बीच दूरियां बहुत हैं, इसे दूर करना चाहिए।”

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श्याम बाबू ने 2016 मार्च महीने में पीसीएस प्री दिया था, सितंबर में मेन्स का एग्जाम हुआ, जिसका रिजल्ट 2018 के नवंबर महीने में आया। इसके बाद 10 दिसंबर को उनका इंटरव्यू हुआ था। पुलिस महकमे की कमियों के बारे में सवाल करने पर उन्होंने कहा, ‘पुलिस विभाग में मूल रूप से फोर्स की कमी तो है ही साथ ही छोटे स्तर के कर्मचारियों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। जनता और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी है, जिसे दूर करके बेहतर किया जा सकता है। जनता के साथ मित्रवत व्यवहार होना चाहिए।

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