पिता पेट्रोल पंप पर हैं वर्कर और पढ़ाई के लिए मां ने बेचा घर, अब बेटा बनेगा कलेक्टर
पेट्रोल पंप पर काम करने वाले के बेटे ने यूपीएससी (UPSC Results 2019) में बाजी मारी है. उन्होंने ऑल इंडिया 93रैंक हासिल की है.
संघ लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को सिविल सेवा की फाइनल परीक्षा के परिणाम घोषित किये. यूपीएससी ने एक बयान में बताया कि आयोग ने आईएएस, आईपीएस और आईएफएस आदि पदों पर नियुक्ति के लिए कुल 759 अभ्यर्थियों के नाम घोषित किये हैं जिनमें 577 पुरुष और 182 महिलाएं हैं. UPSC का यह रिजल्ट इंदौर के एक परिवार के लिए अलग ही खुशियां लेकर आई है. पेट्रोल पंप पर काम करने वाले के बेटे ने यूपीएससी में बाजी मारी है. उन्होंने ऑल इंडिया 93रैंक हासिल की है. माता पिता को जब सूचना मिली तो उन्हें सपने जैसा लगा. वीडियो कॉल के जरिए से परिजनों ने बधाई दी है.
यूपीएससी में 93वीं रैंक पाने वाले प्रदीप सिंह फिलहाल दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. गरीबी हालत में उनके माता-पिता ने बच्चों को पढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. प्रदीप सिंह के पिता मनोज सिंह ने बताया की वह नौकरी करते हैं और अपनी जरूरतों को कम करके उन्होंने बच्चों को पढ़ाया. उसी का नतीजा है की बेटा आज कलेक्टर बन गया.
कई बार मुसीबत के पहाड़ आये, लेकिन पिता ने बच्चों तक इसे नहीं पहुंचने दिया. प्रतियोगी पढ़ाई के लिए दिल्ली जाने के लिए जब उनके पास पढ़ाई के पैसे नहीं थे तो उन्होंने अपने मकान को बेच दिया और बच्चे को पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजा. अब तक परिवार किराए के मकान में ही रहता है. इसके अलावा मां अनीता ने अपने गहनों को गिरवी रखा और पढ़ाई जारी रखने की प्रेरणा दी. दिल्ली जाते वक़्त प्रदीप ने मां को भरोसा दिलाया था कि उसका चयन जरूर होगा और हुआ भी.
इंदौर डीएवीवी से पढ़ाई करने के बाद प्रदीप दिल्ली चला गया था और वहीं पढ़ाई जारी रखी. प्रदीप के चयन की सूचना मिलते ही उनके परिजनों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. साथ ही कई रिश्तेदार भी उनके घर पहुंचे और गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी. परिजनों ने घर पर केक काटकर खुशियां मनाई. इस दौरान प्रदीप वीडियो कॉल के जरिए परिजनों के साथ बने रहे.
प्रदीप ने बताया कि उनका जीवन काफी संघर्ष भरा है. उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश है कि अपनी इस छोटी सी सफलता से माता-पिता के संघर्ष को कम कर सकूं. उन्होंने बताया कि वह साल 2017 से दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे.